मंत्री या विधायक बनना राजनीतिक क्षेत्र से जुड़े लोगों का सपना होता है। जो नेता हैं, वह विधायक बनना चाहते हैं और जो विधायक हैं वह सांसद या मंत्री बनना चाहते हैं। लेकिन झारखंड के नेता और विधायकों को मंत्री तो बनना है लेकिन उनको शिक्षा मंत्री बनने से अब डर लगने लगा है। आखिर क्यों, क्या वजह है...... क्यों झारखंड में शिक्षामंत्री का पद ग्रहण करते हीं उनपर खतरा मंडराने लगता है, कभी उनकी जान का खतरा, तो कभी उनकी मानहानि का खतरा......
और यह हम नहीं कह रहें हैं, यह हमारे रिकॉर्ड कह रहे हैं.......
आईये इसे ऐसे समझते हैं.... बिहार से झारखंड के अलग होने के बाद सबसे पहले शिक्षामंत्री के पद पर विराजमान हुए प्रदीप यादव.... प्रदीप यादव के पद संभालते ही पार्टी में उनकी फजीहत हुई, और उन्हें जेवीएम का दामन थामना पड़ा। दूसरे शिक्षा मंत्री बने बैजनाथ राम, उनके शिक्षा मंत्री रहने के दौरान ही उनके खुद के बच्चे 12वीं में फेल हो गये। जिसके बाद उनकी बड़ी आलोचना हुई। बैजनाथ राम के बेटे प्रभात कुमार और बेटी पूनम कुमारी 12वीं की परीक्षा में फेल हो गए थे, यहां तक की वह स्क्रूटनी में भी पास नहीं हो पाये थे।
तीसरी शिक्षा मंत्री के तौर पर बीजेपी की सरकार में नीरा यादव ने पद ग्रहण किया। एक महिला के शिक्षामंत्री बनने पर लोगों को उनसे काफी उम्मीदें थीं। लेकिन 20 जुलाई 2015 को हजारीबाग जिले की एक स्कूल में डॉ. कलाम की फोटो पर शिक्षा मंत्री नीरा यादव द्वारा माला चढ़ाकर तिलक लगाने पर विवाद खड़ा हो गया
था। झारखंड के एक अखबार में छपी तस्वीर को टि्वटर पर शेयर करने के बाद इसको
लेकर विवाद शुरू हो गया था। यह तस्वीर सोशल साइट पर जर्बदस्त वायरल हो गई थी। जीवित
और स्वस्थ्य पूर्व राष्ट्रपति कलाम पर इस प्रकार से राज्य की शिक्षा मंत्री नीरा
यादव के हाथों माला पहनाकर तिलक लगाने की निंदा भी हुई थी।
वहीं चौथे शिक्षामंत्री रहे जगरनाथ महतो तो दुनिया को ही अलविदा कह गये। कोरोना होने के बाद जगरनाथ महतो अपने पैरो पर दोबारा खड़े ही नहीं पाये। डॉक्टरों के काफी जदोजहद के बाद भी उनकी जान नहीं बचाई जा सकी। जगरनाथ महतो के जाने के बाद सबके दिमाग में आने लगा कि अब शिक्षा मंत्री का पद किसे मिलेगा,,,, हेमंत सोरेन के दोबारा सत्ता में आने के बाद जब रामदास सोरेन को पदभार दिया गया तो लगा कि अब टाइगर के बाद एक और टाइगर अपनी जगह बना लेगा, लेकिन एक सुबह अचानक रामदास सोरेन के गिरने की खबर आई तो सबके दिमाग में एक ही बात हिट कर गई कि आखिर क्यों बार-बार झारखंड के शिक्षा मंत्री पर संकट के बादल मंडराने लगते हैं। फिर भी एक उम्मीद थी, लेकिन रामदास सोरेन की निधन की खबर से सबको झकझोर कर रख दिया। संजोग ये है कि रामदास सोरेन और जगरनाथ महतो दोनों का ही जन्मदिवस 1 तारीख है। अब शिक्षामंक्षी और उनके संकट से जुड़े संजोग पर हमारे ज्योतिष भी मुहर लगा रहे हैं,,,,,ज्योतिष अभिषेक पांडेय का भी मानना है कि झारखंड के शिक्षामंत्रियों पर खतरा मंडरा रहा है............…बहरहाल,,
अब लोगों की निगाहें इसपर टिकी हैं कि अगला शिक्षामंत्री का पद किसे मिलेगा...... कौन होगा वह नाम...... और क्या होगें संयोग...............