हजारीबाग: जिला समाहरणालय परिसर में आदिवासी समुदाय के लोगों ने अपने पारंपरिक हथियारों के साथ अनोखा प्रदर्शन किया है। संयुक्त वनाधिकार समिति, हजारीबाग के तत्वावधान में आयोजित इस धरना में जिले भर से हजारों ग्रामीण पहुंचे। पुरुष जहां तीर-धनुष, फरसा और कुल्हाड़ी लेकर आए थे वहीं महिलाओं ने हसुआ थामकर अपनी भागीदारी दर्ज कराई। निर्मल महतो पार्क से निकली जनाक्रोश रैली तख्तियों-बैनरों के साथ समाहरणालय पहुंची और मुख्य द्वार का घेराव किया । धरना के दौरान समिति के नेताओं ने कहा कि राज्य में आदिवासियों की सरकार होते हुए भी आदिवासियों पर ही अत्याचार जारी है। वनाधिकार कानून 2006 पूरे देश में लागू है, लेकिन झारखंड में अब तक इसके दावे लंबित पड़े हैं। आरोप लगाया गया कि अधिकारी मामले को टालते रहते हैं जबकि ग्रामसभा के अधिकारों का सम्मान नहीं हो रहा और वन विभाग लगातार फर्जी मुकदमों से ग्रामीणों को प्रताड़ित कर रहा है। धरना स्थल पर वक्ताओं ने चेतावनी दी कि यदि 15 दिनों के भीतर लंबित दावों का निष्पादन और भूमि पट्टा वितरण की कार्रवाई शुरू नहीं की गई, तो 16वें दिन से बड़ा आंदोलन किया जाएगा।