विगत बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री के द्वारा लोकसभा में संविधान संशोधन समेत तीन विधेयक पेश किए गए इनमें गंभीर आपराधिक आरोपों में गिरफ्तार और लगातार 30 दिन हिरासत में रखे गए प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री या किसी भी मंत्री को पद से हटाने का प्रावधान है. इस विधायक पर सदन में विपक्षियों ने जमकर हंगामा किया और तीनों विधायक को वापस लेने की मांग की।
इस विषय पर झारखंड की सत्ताधारी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रवक्ता ने अपनी राजनीतिक प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि केंद्र की सरकार तानाशाही रवैया से किसी भी अनरगल बेबुनियाद मुद्दे पर किसी को भी जेल मे डालकर पद से हटा ने का काम कर सकती है. साथ ही अपने पार्टी के वैसे व्यक्ति को भी पद से हटा सकती है जो उनके खिलाफ हो. ।
वही झारखंड की विपक्षी और केंद्र की सत्ताधारी पार्टी भारतीय जनता पार्टी के रांची विधायक ने इस विधायक पर कहा कि जेल के अंदर रहते हुए सरकार चलाया जाए यह लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है. यह विधायक अभी जेपीसी के अंदर जाएगा और जेपीसी में पक्ष और विपक्ष के सभी सदस्य इस विधायक के विषय पर गहन मंथन करेंगे और जो भी त्रुटियां होगी उस पर संशोधन होगा. केंद्र की विपक्ष के द्वारा तानाशाही विधायक कहे जाने के विषय पर कहा कि विपक्ष इंडि गठबंधन को इस बात का डर है कि वह चोर चोर मौसेरे भाई हैं ।