झारखंड में कई आपराधिक मामलों में फरार आरोपी सूर्या हांसदा पुलिस मुठभेड़ में मारा गया।. हांसदा ने हथियार छीनकर भागने की कोशिश की, जिसके बाद क्रॉस फायरिंग में उसकी मौत हो गई। ये कहना है पुलिस का। लेकिन अब सूर्या हांसदा के एनकाउंटर को गलत बता कर विपक्ष इस मामले को लेकर सरकार को घेरने में जुटा है। विपक्ष द्वारा उठाये गये इस सवाल के बाद अब धीरे-धीरे सूर्या हांसदा एनकाउंटर मामला तूल पकड़ता जा रहा है। सूर्या हांसदा एनकाउंटर मामला समझने से पहले सूर्या हांसदा कौन था ये समझना जरूरी है।
कौन है सूर्या हांसदा..
45 साल के सूर्या हांसदा कई राजनीतिक दलों से जुड़े रहे थें। उनके खिलाफ 25 अपराधिक मामले भी दर्ज थें।जिसमें हत्या , हत्या का प्रयास, फिरौति, रंगदारी जैसे मामले जुड़े थें। लेकिन इन सब से परे सूर्या हांसदा को उनके गांव के लोग काफी पसंद करते थे, क्यों कि वह गांव के कल्याण से जुड़े थे और वहां एक स्कूल चलाते थे जिसमें वह बच्चों को फ्री में शिक्षा और आवास देते थें। सूर्या हांसदा के पिता ललमटिया हांसदा गांव के मुखिया रहे थे और बच्चों को फ्री में शिक्षा देना चाहते थे, सूर्या अपने पिता के सपनों को पूरा कर रह थे।
सूर्या हांसदा ने अपने गांव के ही एक मिशनरी स्कूल से पढ़ी की थी, और बाद में गोड्डा कॉलेज में दाखिला लिया लेकिन किसी कारणवश पढ़ाई बीच में ही छोड़नी पड़ी। फिर साल 2000 में उन्हें एक कंपनी में कर्मचारी की नौकरी मिली थी।सूर्या के परिवार और उनके भाई का कहना है कि सूर्या लगातार आदिवासियों के हक के लिए आवाज उठाते थे इसलिए उन्हें शुरू से उग्रावदीपंथी घोषित कर दिया गया था। सूर्या ने 2009, 2014 में बोरियो विधानसभा सीट से चुनाव भी लडा था। इतना ही नहीं उन्होंने बीजेपी के टिकट से भी 2019 में चुनाव लड़ा था। साल 2024 में जब उन्हे टिकट नहीं मिला तब वह झारखंड क्रांतिकारी मोर्चा में शामिल हो गये और चुनाव लड़ा, लेकिन हांसदा कभी भी जीत कर विधानसभा नहीं पहुंच सके।
क्यों उठ रहें हैं सवाल..
अब हांसदा के एनकाउंटर के बाद यह सवाल उठने लगे हैं कि आखिर पुलिस को ऐसी कौन सी क्लू मिली की पुलिस ने हांसदा का एनकुंटर कर दिया। जबकि पुलिस द्वारा एनकाउंटर के बाद जो प्रेस कांन्फ्रेंस की गई थी, उसपर भी कई संशय बरकरार है।
वहीं अब विपक्ष इस मामले को लेकर लगातार कड़ा रूख अपना रहा है। विपक्ष इस मुद्दे पर लगातार सरकार से सफाई मांग रहा है। हर दिन बाबूलाल मरांडी , अर्जुन मुंडा से लेकर कई बड़े चेहरे सूर्या हांसदा के परिजनों से मुलाकात करने पहुंच रहे हैं। विपक्ष का कहना है कि सरकार को इस मामले पर साक्ष्य के साथ जवाब देना ही होगा, लेकिन सरकार द्वारा फिलहाल इस मामले को लेकर अबतक कोई ठोस बयान नहीं दिया गया है।
अब देखना होगा कि सरकार इस मामले को लेकर कितनी जल्दी विपक्ष के सवालों का जवाब देती है या फिर विपक्ष एक बार फिर इस मुद्दे को लेकर सरकार को घेर सकता है। लेकिन इन सब के साथ आमजनमानस के लिए भी सूर्या हांसदा एनकाउंटर एक सवाल बनकर रह गया है।