हजारीबाग जिले के केरेडारी प्रखण्ड प्रखंड अंतर्गत मनातू पंचायत के लोहरा गांव के ग्रामीणों ने जनप्रतिनिधियों व प्रशासनिक उदासीनता से सबक लेकर श्रमदान कर चार किलोमीटर सड़क बनाया है! सड़क बनाने को लेकर सोमवार के अहले सुबह मनातू पंचायत के पूर्व मुखिया द्वारिका गंझू के नेतृत्व में लोहरा गांव में एक बैठक की गई! बैठक में निर्णय लिया गया कि उक्त सड़क को श्रमदान कर सड़क बनाया जाय! परिणाम स्वरूप 13 अक्टूबर के सुबह 8 बजे से लोहरा गांव के सैकड़ो महिला पुरुष कुदाल कड़ाही और फावड़ा लेकर लोहरा गांव से डाडीबर गांव तक कुल चार किलोमीटर सड़क बनाना शुरू कर दिया है!
इस बाबत उर्व मुखिया द्वारिका गंझू ने कहा कि हमलोगों के बरसात में प्रखंड मुख्यालय जिला मुख्यालय और अन्यत्र आवागमन में काफी परेशानी होती है पगडंडियों के सहारे आते जाते थे! प्रखंड प्रशाशन जिला प्रशासन से लेकर विधायक सांसद तक गुहार लगाए पर कोई पहल नहीं हुआ! जिससे सबक लेते हुए ग्रामीणों ने आपसी श्रमदान कर सड़क बना रहें हैं!वही मुकेश वर्मा ने बताया कि सड़क जर्जर के कारण बरसात में गांव तक कोई चार पहिया वाहन नही पहुँचता है,जिसके कारण खुद सड़क बनाना पड़ रहा है!!केरेडारी प्रखण्ड मुख्यालय से 25 किलोमीटर की दूरी पर उतर की दिशा में लोहरा गांव स्थित है! यह गंझू बहुल गांव है।इस गांव में दो सौ घर गंझू जाति के लोग निवास करते है! जबकि इसी सड़क से चतरा जिले के टण्डवा प्रखण्ड के मिस्रोल पंचायत के सिदपा और हेसातु गांव के लोग भी गुजरते है! साथ ही हजारीबाग जिले के केरेडारी प्रखण्ड के बोकचमा मसूरिया मनातू लोहरा गांव के लोग गुजरते है! इसके बावजूद यह सड़क जर्जर है!
क्या कहते है गांव के लोग
गांव के बुधन गंझू दुलारचंद भोक्ता सुरेश गंझू अजय भोक्ता एतवरिया देवी शांति देवी समुद्री देवी विष्णुदेव गंझू मनोज गंझू दशरथ राम सुगन गंझू कामेश्वर गंझु मुरारी गंझू ने बताया कि जर्जर सड़क रहने के कारण गंभीर बीमारी से ग्रस्त लोगों को खटिया के सहारे चिकित्सा सुविधा के लिए मिस्रोल ले जाना पड़ता तब गाड़ी पकड़कर अस्पताल तक जाते है! इस दौरान कई लोगों की असमय मौत भी हो चुकी है!