झारखंड की राजधानी रांची मे एक मामला प्रकाश में आया है,जहाँ एक विधवा महिला के साथ अन्याय का मामला छह साल तक चलता रहा
नमिता मुखर्जी जो एक स्थायी झारखंड निवासी हैं और जिनके पति तपन मुखर्जी CISF में असिस्टेंट कमांडेंट के पद से सेवा निवृत्त हुए थे। दुखद रूप से वर्ष 2020 में उनका निधन हो गया। पति के देहांत के बाद नमिता मुखर्जी अपने फ्लैट – फ्लैट संख्या 303 C, कांके रोड, गोंदा थाना क्षेत्र – में वापस शिफ्ट होना चाहती थीं। लेकिन इस फ्लैट पर सीसीएल के पदाधिकारी अनिल कुमार ने क़ब्जा कर रखा था। शुरुआत में कुछ महीनों तक उन्होंने किराया दिया, लेकिन पिछले चार सालों से न तो किराया दिया और न ही फ्लैट खाली किया। नमिता मुखर्जी ने बार-बार अनुरोध किया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। अंततः, उन्हें न्यायालय का दरवाजा खटखटाना पड़ा।
कोर्ट के आदेश के बाद स्थानीय प्रशासन और गोंदा थाना पुलिस की मौजूदगी में अनिल कुमार से फ्लैट को खाली कराया गया। साथ ही कोर्ट ने करीब 5 लाख रुपये का बकाया किराया चुकाने का आदेश भी अनिल कुमार के खिलाफ दिया है। इस घटना की चारों ओर निंदा हो रही है – जहां एक सरकारी पदाधिकारी द्वारा एक विधवा महिला को वर्षों तक मानसिक प्रताड़ना दी गई।