रेलवे गुड्स शेड्स का बोलचाल और समझने की भाषा में यह अर्थ होता है रेल के जरिए जिस सेड में समान आए और रेल के जरिए जहां से सामान डिस्पैच किया जाए। साफ अर्थ यह भी है की रेलवे को माध्यम बनाकर आर्थिक औद्योगिक प्रगति को देश के एक हिस्से से दूसरे हिस्से में पहुंचाया जाए और जी सामान की जहां जरूरत हो उसे जरूर को पूरी की जाए ताकि देश की औद्योगिक प्रगति को गति मिल सके सभी और आर्थिक प्रगति की खुशहाली परोसी और फैलाई जा सके। इसके लिए अपनी भूमिका में रेल आए इसी निमित्त बना है रेलवे गुड्स शेड्स। लेकिन बोकारो का रेलवे गुड्स शेड्स मतलब खुशियली आर्थिक प्रगति नहीं बल्कि बदहाली मौत बीमारी प्रदूषण और आसपास की बड़ी आबादी की तबाही माना जाने लगा है। यहां कोयले के बड़े स्टॉक में लगी आग का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है थोड़ी दूर से ही रेल पटरी गुजरी है जिसके जरिए महत्वपूर्ण गाड़ियां गुजरती हैं यह आग और धुआं कब रेलवे परिचालन के लिए भी खतरे का संकेत दे रही है। हालात गंभीर हैं ब्यावर है और लगातार यह भयावह दौर में पहुंचने लगा है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए नागरिकों तथा स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने तंत्र को बार-बार लिखा सूचित किया पर बार-बार लिखने सूचित करने के बाद भी पर्याप्त एक्शन का भाव सस्ती उदासीनता यह बताती है की समस्या की गंभीरता को लेने की बजाय इसे बहुत सहज भाव से लिया जा रहा है जिसका परिणाम भयंकर हो सकता है दरअसल रेलवे गुड्स सेठ सेट्स अब सामानों के परिवहन की बजाय एक कोयला खदान की शक्ल ले चुका है यहां कई बड़ी कंपनियां अपनी स्लाइडिंग चला रही हैं। दिन-रात कोयले की गाड़ियां कोयले की धुलाई लड़ाई और तुड़ाई में लगी है जिसके चलते लगातार कोयले का डस्ट बड़े दायरे में उड़ रहा है फैल रहा है। इसके कारण हालत यह है कि तब की दोपहरी में भी आसमान में फैला दस्त सम या काली गहरी रात का एहसास कर रहा है और आम लोगों की परेशानी का कारण बना हुआ है। यहां उड़ने वाला दस्त मालदों को तो मालामाल कर रहा है लेकिन बड़ी आबादी को पर बेमौत मार रही है। कई बार आवाज उठी उठाई गई लेकिन गरीबों की तबाही और मौत की कीमत पर टिकी बड़े मालदों की खुशहाली पर एक्शन का अभाव बना रहा।
दिन में उसकी काली सफेद धुआं और रात में फैलती पसरती दूर से ही दिखती आग रेल सेड के भयावह हालात का दर्शन कराती है। यह भ्रम भी फैला दिखता है कि हम बोकारो में है या फिर किसी उसे स्थान पर जहां ज्वालामुखी फटी हो और धरती के नीचे से लावा बाहर निकल रहा हो आग की दरिया बह रही हो लेकिन सच सामने आता है यह ज्वालामुखी नहीं बल्कि बोकारो का रेलवे से में नियम अनुकूल या नियम विरोध बड़ी मात्रा में कोयले का स्टॉक जमा रखा गया है जिस्म आग लगी हुई है आज लगातार फैल रही है और लोगों की तबाही का कारण बन रही है इसी के साथ अब रेलवे अच्छा से यहां के कोयले का स्टॉक और आज का मामला तूल पकड़ने लगा है विधानसभा की कमेटी जब यहां आई तो उसके संज्ञान में भी यह मामला आया कमेटी ने गंभीर माना समस्या विधानसभा में भी गूंजेगी यह वादा इरादा दिखाया गया जताया गया।
जिस तरह से यह मामला गहरा रहा है लोगों की मौत का कारण बन रहा है उसकी व्यापकता और भयावह स्थिति पॉसिबल कर सरजन साफ करते हैं।
रेलवे गुड्स रेट जो अब कोयला खदान का रूप अख्तियार कर चुका है इस हालत में अब वह भविष्य के लिए गंभीर संकेत देना शुरू किया है स्थिति और वी होने के पहले गुड सेट की इस स्थिति पर ध्यान देने की जरूरत है वरना हालात में हाथ होते देर नहीं लगेगी तब तक बड़ी आबादी गुड सेट से निकले बेड पॉल्यूशन को ऑब्जर्व कर मौत के दरवाजे पर कड़ी नजर आने लगेगी तो कोई अस्वाभाविक बात नहीं होगी। वैसे अब गुड्स शेड्स कुछ लोगों के लिए खुशहाली का कारण बना हुआ है तो एक बड़ी आबादी के लिए आफत की वजह भी।