लातेहार एक तरफ सरकार जन-जन तक बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने के लिए करोड़ों अरबो रुपए खर्च कर रही है सरकार स्वास्थ्य केंद्रों को सुविधाओं और संसाधनों से लैस करने की बात करती है लेकिन इसी के साथ चिकित्सक और कर्मियों की मनमानी बढ़ती ही जा रही है सेंटर कुव्यवस्थाओं की जद में है एनएम की मनमानी भी चरम सीमा पर है.
वही दूसरी तरफ जिले में स्वास्थ्य सेवाओं में चिकित्सा कर्मियों की लापरवाही एक बार फिर उजागर हुई है.लातेहार जिला मुख्यालय अंतर्गत होटवाग ग्राम में एएनएम कल्पना सिन्हा की लापरवाही के कारण एक नवजात शिशु की मौत हो गई। घटना के बाद पूरे इलाके में आक्रोश का माहौल है और लोग सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठा रहे हैं।प्राप्त जानकारी के अनुसार, परसही पंचायत के सोतम ग्राम निवासी सोहबतिया देवी गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा शुरू होने पर परिजनों ने तत्काल स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र होटवाग मे सुबह 5:00 बजे पहुंचे थे लेकिन सेंटर में ताला लगा हुआ था इसके बाद एएनएम कल्पना सिन्हा कई बार संपर्क करने का प्रयास किया। बताया जाता है कि कई बार फोन करने के बावजूद एएनएम ने कॉल रिसीव नहीं किया और न ही मौके पर पहुंचीं। प्रसूता दर्द से 2 घंटे तक सेंटर के बाहर तड़पती रही मजबूरन परिजनों ने गर्भवती को लातेहार सदर अस्पताल पहुंचाया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी प्रसव के दौरान बच्चे की मौत हो गई वही परिजन कमेश सिंह का आरोप है कि एएनएम और स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही के चलते नवजात की जान चली गई अगर सही समय पर केंद्र में इलाज होता तो शायद यह घटना नहीं घटती आगे कमेश ने कहा कि हम लोग सेंटर में 2 घंटे तक खड़े रहे एनएम को कई बार कॉल किया गया लेकिन एएनएम नहीं आई हम लोग गरीब लोग हैं गरीब लोगों को सुनने वाला कोई नहीं आए दिन ऐसे हादसे सामने आ रहे हैं, लेकिन विभागीय स्तर पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जाती।सरकार स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत करने के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, लेकिन जमीनी हकीकत इससे बिल्कुल अलग है।इस घटना ने एक बार फिर झारखंड सरकार की की स्वास्थ्य व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है. ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल हैं। एएनएम और चिकित्सक समय पर ड्यूटी नहीं करते, एम्बुलेंस सेवाएं जवाब दे चुकी हैं, और जिम्मेदार अधिकारी सिर्फ कागजी कार्रवाई तक सीमित हैं।लोगों ने जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग से मांग की है कि संबंधित एएनएम के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में इस तरह की लापरवाही दोबारा न हो। साथ ही उन्होंने मांग की कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की नियमित निगरानी की जाए और जवाबदेही तय की जाए, ताकि गरीब और लाचार लोगों को अपनी जान से हाथ न धोना पड़े।यह घटना से साफ पता चलता है कि लातेहार जिले के सभी प्रखंडों में स्वास्थ्य विभाग की क्या स्थिति है आए दिन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र होटवाग के केंद्र में इसी तरह का लापरवाही बढ़ती जा रही है.लेकिन इस तरह की घटनाओं ने सामुदायिक केंद्रों की व्यवस्था को उजागर करने का काम किया है फिर यह सोचने पर मजबूर करती है कि क्या सरकारी योजनाएं वाकई धरातल पर उतर पा रही हैं या फिर केवल फाइलों में ही सिमट कर रह गई हैं। जब तक जिम्मेदार अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई नहीं होगी, तब तक स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार की उम्मीद बेमानी साबित होगी।
वहीं इस मामले पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी विवेक विद्यार्थी से दूरभाष में पूछने पर उन्होंने कहा कि मामले की जानकारी मुझे आपसे मिला है अगर इस तरह का मामला है तो जांच की जाएगी कुछ परेशानी डॉक्टर की कमी भी है जांच में जो भी तथ्य आएगा कार्रवाई की जाएगी