आदि शक्ति मां दुर्गा की भक्ति का नजारा अगर देखना हो तो रांची के झारखंड आर्मड पुलिस के जवानो की भक्ति में देख सकते हैं। जैप वन में गोरखा बटालियन के जवान अदभूत तरीके से नवमी की पूजा करते है। जैप1 में नवमी की पूजा की शुरुआत नौ कुंवारी कन्या की पूजा के साथ होती है और फिर बंदूक की सलामी के बीच अस्त्र शस्त्र की पूजा की जाती है।नवमी के दिन राँची जैप1 में एक अदभूत नजारा देखने को मिलता है। झारखंड आर्मड पुलिस, JAP के जवान नवमी के दिन मां दुर्गा की आराधना करते हुए अपने हथियारो की पूजा करते हैं। मान्यता है कि मां दुर्गा की आराधना और आज के दिन शस्त्र पुजा करने से मां दुर्गा की शक्ति और आशीर्वाद उनके साथ होता है और दुश्मनों के सामने उनके हथियार कभी धोखा नहीं देते हैं। जैप वन में बकरे की बलि देने की भी परम्परा है।
शस्त्र पूजन के संबंध मेंजैप वन कमांडेड, पुजारी का कहना है कि जिस प्रकार बिहार के जमाने से ही बिहार मिलिट्री पुलिस में गोरखा रेजीमेंट हुआ करता था ,वहीं अब झारखंड सशस्त्र पुलिस है और यहां भी अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही परंपरा का निर्वहन किया जा रहा है. शस्त्र पूजन के पीछे के कारणों की चर्चा करते हुए पंडित और पूजा समिति के लोगों का कहना होता है कि जिस प्रकार सशस्त्र बल के जवान सुदूर जंगलों में और दुरूह इलाके में दुश्मनों से लोहा लेते हैं, भगवती की कृपा से उनके मन से भय समाप्त हो जाता है. और इसी कारण शास्त्र की विधि विधान से पूजा की जाती है. मालूम हो कि झारखंड सशस्त्र पुलिस में नेपाली समुदाय के लोग सैया जवान के रूप में कार्य करते हैं.
जैप वन में यह परंपरा 1980 से चलती आ रही है। जैप वन में कार्यरत जवानों की पत्नियां भी इस दिन कामना करती हैं कि इनके पति के पास जो हथियार हैं वह धोखा ना दें, और ड्यूटी पर तैनात जवान की सलामती की दुआ मांगती हैं। जैप में होने वाली इस अदभूत और अनोखी पूजा को देखने के लिए लोग दूर दूर से आते है। इस पूजा में कई दिलचस्प बाते देखने को मिलती है। यही वजह है की जैप में होने वाली इस पूजा का लोग बेसब्री से इंतजार करते हैं।