बोकारो हवाई अड्डा को अभिलंब चालू किया जाए इस मांग को लेकर आज बोकारो हवाई अड्डे पर नागरिक अधिकार मंच के द्वारा जोरदार प्रदर्शन किया गया और नारेबाजी की गई। प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे मुकुल ओझा ने बताया कि 5 वर्ष से यह हवाई अड्डा बनकर तैयार है यहां से जहाज कब उड़ेगा इसका इंतजार करते-करते बोकारो के लोगों का सब्र टूट रहा है, जब भी मंच द्वारा इस विषय में आंदोलन होता है, तो यहां के प्रशासन के द्वारा एक नई तिथि बता दी जाती है कि फलना दिन यह एयरपोर्ट चालू होगा मगर अभी तक यह चालू नहीं हो पाया है। जिससे बोकारो के विकास में भी रुकावट आ रही है। एयरपोर्ट के अभाव में कोई भी बाहर की कंपनी या बाहर के डॉक्टर यहां आने से कतराते हैं जिसके कारण यहां के लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है और बोकारो का विकास भी रुका हुआ है । उन्होंने कहा कि जब भी हम इसके लिए आंदोलन करते हैं तो दिखावा करने के लिए कुछ ना कुछ काम शुरू किया जाता है जैसे अभी पिछले दिनों ही आंदोलन के बाद एयरपोर्ट के आसपास की कुछ झुग्गी झोपड़ियां एवं बूचड़खानों को हटाया गया था, मगर अभी भी काफी झुग्गी झोपड़ी बूचड़खाने अपनी जगह पर है, उन्होंने कहा कि हमें इससे अब कोई मतलब नहीं की समस्या कहां है क्योंकि यह एयरपोर्ट 100 करोड़ की लागत से बना था, और इसमें हम जनता का पैसा लगा हुआ है, और उसके बाद भी विभाग की लापरवाही के कारण और इस पर हो रही राजनीति के कारण अभी तक चालू नहीं हो पाया। इसके चालू नहीं होने के कारण अब इसके मरम्मत की भी आवश्यकता पड़ने लगी है। कई बार एयरपोर्ट परिसर के अंदर पेड़ों को काटा गया है जिसमें काफी खर्च आता है मुकुल ओझा बताया कि अब हमारे सब्र का बाल टूट रहा है और हम प्रशासन और सरकार से पुनः आग्रह करते हैं कि इसे अभिलंब चालू किया जाए अन्यथा हमारी मंच और बोकारो के लोग इसके लिए आंदोलन करने पर मजबूरहोंगे।